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मान्यवर कांशीराम साहब के स्मृति में काव्य-पुष्प सादर समर्पित है।-::            *कांशीराम आये हैं* बहुजनों का अधिकार दिलाने कांशीराम आये हैं। मनुवादी नेता चमचों के अब तो दिल घबराये हैं। १-अंबेडकर के बाद हम सोये हुए थे     राजनैतिक अधिकार खोये हुए थे     बहुत खोये हैं अब नहीं खोने की     बात बताये हैं।:शोषतों के,,,,,,,,,, २- शिक्षित बनकर संगठित   रहिये।     हक के खातिर संघर्ष भी करीये।     गांधी वाद से टक्कर लेने साहब    अंबेडकर वाद चलाये हैं।:: ३-मनु  के झूठे सब शास्त्र भुलाकर    मानवता की हमें पाठ    पढ़ाकर    गुरु घासी, शाहू,महात्मा फूले की    ज्ञान सूनाये हैं।:: ४-मूलनिवासियों  अब तो  जागो    अपनी हक की भीख न मांगो    तेरे कुर्सी में  तूझे बैठाने साहब    नीला झंडा लाये हैं।:: ५-वोट तुम्हारी  किमती है सोंचो    दस-बीस में तुम इसे न  बेंचो।    मनुवाद के  नाल तोड़ने स...