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क्यों जरूरी है धार्मिक पहचान? बहुजन समाज को जानना चाहिए। ✍️ AKPPIN2 🎭

  क्यों जरूरी है धार्मिक पहचान? बहुजन समाज को जानना चाहिए। ✍️ AKPPIN2 🎭 ऐसे सवाल आपके जहन में कभी आया भी नहीं होगा। अगर आया है तो आप उत्तर की तलाश कर रहे होंगे और पा लिए होंगे। लेकिन जो इस प्रश्न को पढ़कर सोच रहा होगा कि यह पहचान क्यों जरूरी है। उसके लिए यहां उत्तर मिल जाएगा। जबकि यह बहुजनवादी के लिए बहुत जरूरी है। जरूर पढ़े और जाने कि धार्मिक पहचान क्यों जरूरी है? क्यों इतने धर्मों का उदय हुआ? और क्यों धर्म रक्षा करने के लिए लोग मरने मारने को तैयार हो जाते हैं? लेखक: 🙏 #akppin2 ✍️ भारतीय उपमहाद्वीप में कई राजा महाराजा हुए और सबकी अपनी-अपनी नीतिशास्त्र थे। यही धर्मशास्त्र कानून हुआ करते थे। कई वंशों ने भारत पर राज किया और प्रजा पर शासन करते रहे। भारत भूमि कभी भी अखंड भूमि नहीं बन रही थी, यहां कई राजतंत्र राज्य थे। वर्तमान भारत का नक्शा ब्रिटिश भारतीय सरकार ने बनाया और भारतीय ब्रिटिश कानून भी बनाए। अब दलितों के नेता बनने की होड़ गांधी और अंबेडकर में लगी हुई थी। क्योंकि दलितों के कोई धर्म, कानून और नीति नियम नहीं थे। प्रजाओं में दलितों (बहिष्कृत लोग, समाज या समूह), पिछड़ों (प्...

मूलकथा : कौन था महिषासुर : कैसे हुई इसकी उत्पत्ति और वध : मूलनिवासी आदिवासी जननायक Mahishasur ✍️ AKPPIN2 🎭

 मूलकथा : कौन था महिषासुर :  कैसे हुई इसकी उत्पत्ति और वध : मूलनिवासी आदिवासी जननायक  Mahishasur ✍️ AKPPIN2 🎭 दोस्तों आपने सनातन कथा के अनुसार महिषासुर की कथा तो पढ़ ली होगी। अब आगे की मूल कथा जो असल में रही है, वह आपके सामने पेश कर रहा हूं। यह कोई कोरी कल्पना नहीं है। एक पुरातात्विक खोज और सनातन आर्य धर्म की कथा अनुसार का ही निष्कर्ष है। तो चलिए शुरू करते हैं मूलकथा महिषासुर की। आप सबको पता है कि आर्य कोई विदेशी लोग नहीं हैं। ना ही द्रविड़ विदेशी है। और ना ही दस्यु, राक्षस व शुद्र आदि विदेशी हैं। लेकिन फिर भी आर्यों को विदेशी समझा जाता है और ऐसा ही प्रचार भी किया जाता है।  आप सोच रहे होंगे कि यह क्या कह रहा है कि आर्य विदेशी नहीं है। आप ने ठीक सुना। आज तक हम लोगों को यही बताया जाता है कि आर्य विदेशी है और यूरेशिया से आए है। लेकिन मैं साबित कर दूंगा कि आर्य कोई विदेशी नहीं है बल्कि यहीं के धुर्त चतुर चालाक ठग लुटेरे हैं।  आप फिर सोच रहे होंगे कि लुटेरे तो विदेशी होते हैं परन्तु यह कह रहा है कि "आर्य यही के धुर्त और लुटेरे हैं!" तो जी बिल्कुल मैं यही साबित करने ...

सनातन कथा : कौन था महिषासुर : कैसे हुई इसकी उत्तपत्ति और वध : Mahishasura Story ✍️ AKPPIN2 🎭

 सनातन कथा: *🌳 कौन था महिषासुर 🌳** कैसे हुई इसकी उत्तपत्ति और वध* महिषासुर ब्रह्म ऋषि कश्यप और दनु का पौत्र (पोता) और असुरों के राजा रम्भ का पुत्र था महिषासुर के पिता रंभ, असुरों के राजा थे।      एक बार असुरों के राजा रंभ को एक अप्सरा महिषी से प्रेम हुआ, उसने उससे विवाह किया, महिषी को एक भैंस बनने का श्राप था। इसलिए जब रंभ और महिषी के संयोग पुत्र उत्पन्न हुआ तो उसका नाम महिषासुर पड़ा (महिष अर्थात भैंस, भैंसे जैसा असुर)।      महिषासुर को अपने माता पिता से कई शक्तियाँ प्राप्त हुई, उसके पास एक खास शक्ति थी जिससे वह कभी भी इंसान से भैंसा या भैंसे से इंसान बन सकता था (आप उसे इच्छा धारी भैंसा भी कह सकते हैं)।        महिषासुर बड़ा होकर अत्यंत शक्तिशाली असुर बना और असुरों का राजा भी बन गया। अब वह ना केवल पाताल लोक में, अपितु स्वर्ग लोक सहित तीनों लोक का राजा बनना चाहता था। लेकिन इंद्र देव का सामना करना उसके लिए उतना भी सरल नहीं था, देवता अत्यंत शक्तिशाली थें।  महिषासुर सृष्टिकर्ता ब्रम्हा का महान भक्त था। देवताओं से अधिक शक्तिशाली बन...

लघुकथा : आत्म मूल्यांकन 🤔 self examination 🧐 akppin2 🎭

 *🍁 लघुकथा :आत्म मूल्यांकन 🍁*  एक बार एक व्यक्ति कुछ पैसे निकलवाने के लिए  बैंक में गया। जैसे ही कैशियर ने पेमेंट दी कस्टमर ने चुपचाप उसे अपने बैग में रखा और चल दिया।   उसने एक लाख चालीस हज़ार रुपए निकलवाए थे।  उसे पता था कि कैशियर ने ग़लती से एक लाख चालीस हज़ार रुपए देने के बजाय एक लाख साठ हज़ार  रुपए उसे दे दिए हैं  लेकिन उसने ये आभास कराते हुए कि उसने पैसे गिने ही नहीं और कैशियर की ईमानदारी पर उसे पूरा भरोसा है चुपचाप पैसे रख लिए। इसमें उसका कोई दोष था या नहीं लेकिन पैसे बैग में रखते ही 20,000 अतिरिक्त रुपयों को लेकर उसके मन में  उधेड़ -बुन शुरू हो गई।  एक बार उसके मन में आया कि फालतू पैसे वापस लौटा दे लेकिन दूसरे ही पल उसने सोचा कि जब मैं ग़लती से किसी को अधिक पेमेंट कर देता हूँ तो मुझे कौन लौटाने आता है??? बार-बार मन में आया कि पैसे लौटा दे लेकिन हर बार दिमाग कोई न कोई बहाना या कोई न कोई वजह दे देता पैसे न लौटाने की। लेकिन इंसान के अन्दर सिर्फ दिमाग ही तो नहीं होता… दिल और अंतरात्मा भी तो होती है…  रह-रह कर उसके अंदर से आवाज़ आ रही थी...

सनातन कथा : नियम का महत्व ✍️ #akppin2 🎭

 *🍁नियम का महत्व🍁*  एक संत थे। एक दिन वे एक जाट के घर गए। जाट ने उनकी बड़ी सेवा की। सन्त ने उसे कहा कि रोजाना नाम -जप करने का कुछ नियम ले लो। . जाट ने कहा बाबा, हमारे को वक्त नहीं मिलता। सन्त ने कहा कि अच्छा, रोजाना ठाकुर जी की मूर्ति के दर्शन कर आया करो। . जाट ने कहा मैं तो खेत में रहता हूं और ठाकुर जी की मूर्ति गांव के मंदिर में है, कैसे करूँ ?  . संत ने उसे कई साधन बताये, कि वह कुछ -न-कुछ नियम ले लें। पर वह यही कहता रहा कि मेरे से यह बनेगा नहीं, मैं खेत में काम करू या माला लेकर जप करूँ। इतना समय मेरे पास कहाँ है ? . बाल -बच्चों का पालन पोषण करना है। आपके जैसे बाबा जी थोड़े ही हूँ। कि बैठकर भजन करूँ। . संत ने कहा कि अच्छा तू क्या कर सकता है ? जाट बोला कि पड़ोस में एक कुम्हार रहता है। उसके साथ मेरी मित्रता है। उसके और मेरे खेत भी पास -पास है। . और घर भी पास -पास है। रोजाना एक बार उसको देख लिया करूगाँ। सन्त ने कहा कि ठीक है। उसको देखे बिना भोजन मत करना। . जाट ने स्वीकार कर लिया। जब उसकी पत्नी कहती कि भोजन कर लो। तो वह चट बाड़ पर चढ़कर कुम्हार को देख लेता। और भोजन कर लेत...