सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

छत्तीसगढ़ के पुरातात्विक स्थल

Temple Carvings in Malhar Bilaspur Chhattisgarh 2009.jpg

बिलासपुर के मन्दिरो की कारिगिरी
छत्तीसगढ़ में कई पुरातात्विक महत्व के स्थल हैं। इन पुरातात्विक स्थलों की सूची इस प्रकार से है।

अनुक्रम

  • 1काँकेर
  • 2दुर्ग जिला
  • 3बिलासपुर
  • 4सरगुजा जिला
  • 5अन्य स्थल

काँकेर

काँकेर का प्राचीन नाम शीला व तामपत्र लेखों में काकरय, काकैर्य, कंकर व काँकेर अंकित है। कुछ विद्वानों का मत है कि प्राचीन समय में कांकेर कंकर ऋषि, श्रृंगी ऋषी, कांकेर नगर के मध्य में दूधनदी प्रवाहित होती है। इस नगर के दक्षिण में स्थित मढ़ियापहाड़ पुरातात्विक महत्व लिये हुये है। पहाड़ के उपर पत्थरों से निर्मित सिंहद्वार व किला यहां के समृद्ध इतिहास की एक झलिक प्रस्तुत करते हैं।

दुर्ग जिला

भिलाई
दुर्ग से 10 किलोमीटर दूर भिलाई एक औद्योगिक नगरी है। देश का पहला सार्वजनिक इस्पात कारखाना अपनी उन्नत तकनीकी, कौशल व उपकरणों के कारण विशेष दर्शनीय है। भिलाई में 100 एकड़ में एक अत्यन्त सुन्दर उद्यान व चिड़िया घर मैत्रीबाग पर्यटकों को रोमांचित करता है।
तान्दुला
दुर्ग जिले में बालोद के पास बना विशाल बांध है। जिसका निर्माण तान्दुला नदी पर हुआ है।

बिलासपुर

मल्हार
बिलासपुर जिले में स्थित पुरातात्विक महत्व का यह ग्राम है। उत्खनन से प्राप्त देउरी मन्दिर, पातालेश्वरी मन्दिर, डिंडेश्वरी मन्दिर यहां पर उल्लेखनीय हैं। देश की प्राचीनतम चतुर्भुज विष्णु प्रतिमा भी यहां देखने को मिलती है।
तालागाँव
छत्तीसगढ़ के प्रमुख पुरातात्विक स्थल में से एक तालाग्राम बिलासपुर से 30किलोमीटर दूर मनियारी नदी के तट पर अवस्थित है। देवरानी-जेठानी मन्दिर के अलावा यहां विष्णु की एक विलक्षण प्रतिमा प्राप्त हुई है, जिसके प्रत्येक अंग में जलचर, नभचर व थलचर प्राणियों को दर्शाया गया है।
खूंटाघाट
बिलासपुर से तकरीबन 40 किलोमीटर दूर खारंग नदी पर बना विशाल बांध है। जिसके बीचो-बीच एक टापू स्थित है। यह एक पिकनिक स्थल है।

सरगुजा जिला

मैनपाट
इसे छत्तीसगढ़ का शिमला कहा जाता है। यह सरगुजा जिले में स्थित एक पठार है। यह प्राकृतिक रूप से अत्यधिक समृद्ध है। तिब्बती शरणार्थियों के एक बड़े समुदाय को यहां सन् 1962 में बसाया गया है।
चांग-भखार
सरगुजा जिले में स्थित चांग-भखार कलचुरी व चौहानकालीन मठों व मन्दिर के पुरावशेषों के लिये प्रसिद्ध है।

अन्य स्थल

मंडवा महल
भोरमदेव से आधा किलोमीटर दूर चौराग्राम के पास पत्थरों से निर्मित शिव मन्दिर है। यह 14वीं शताब्दी का जीर्ण-शीर्ण मन्दिर है। इसकी बाह्य दीवारों पर मैथुन मूर्तियां बनी हुई हैं।
11 वीं सदी का चन्देल शैली में बना भोरमदेव मन्दिर अपने उत्कृष्ट शिल्प एवं भव्यता की दृष्टि से उच्च कोटि का है। भोरमदेव के प्राचीन मन्दिर इतिहास, पुरातत्व एवं धार्मिक महत्व के स्थल हैं। चारों ओर से सुरम्य पहाड़, नदी एवं वनस्थली की प्राकृतिक शोभा के मध्य स्थित यह मन्दिर अगाध शांति का केन्द्र है। इस मन्दिर का निर्माण नागवंशी राजा रामचन्द्र ने कराया था। भोरमदेव मन्दिर को उत्कृष्ट कला शिल्प एवं भव्यता के कारण छत्तीसगढ़ का खजुराहों कहा जाता है।
खैरागढ़
राजनांदगांव जिले में स्थित है। यहां एशिया का एकमात्र कला व संगीत विश्वविद्यालय स्थित है। जहां संगीत एवं कला की शिक्षा दी जाती है।
रुद्री
धमतरी से 12 किलोमीटर दूर गंगरेल बांचध के पास बना बांध है। जिसका निर्माण महानदी पर हुआ है। इसे कांकेर नरेश राजा रुद्रदेव ने बनवाया था। यह कबीर पंथीयों का धार्मिक स्थल है। यहां का कुद्रेश्वर महादेव यज्ञ मन्दिर प्रसिद्ध है।
कोरबा
यहां पर भारत का सबसे बड़ा ताप विद्युत गृह एवं एल्युमीनियम का कारखाना स्थित है।
बैलाडीला
बस्तर जिले में स्थित बैलाडीला की खदानें विश्व प्रसिद्ध हैं। यहां का लोहा जापान को निर्यात किया जाता है।
साँचा:छत्तीसगढ

दिक्चालन सूची

Other option for mixing videos watching you:
my friends photo mix video

टिप्पणियाँ

Popular posts...

🔘001 Bharat Ka Prachin Itihas : Intro || History of Ancient India || AKP Pin2 || भारत का प्राचीन इतिहास : प्रस्तावना

Pachpedi Me Pratibha Samman Karyakram // मस्तुरी क्षेत्र के पचपेड़ी में प्रतिभा सम्मान व कैरियर मार्गदर्शन समारोह हुआ संपन्न // AKP Pin2

Satnami sect : Indian religion : Hindu cast || सतनामी संप्रदाय : भारतीय धर्म : हिंदू जाति

भारत में छत्तीसगढ़ राज्य की रॉक आर्ट और जनजातीय कला || The Rock Art and Tribal Art of Chhattisgarh State in India || AKP Pin2

महान भारत (महान असोक का भारत) के राष्ट्रीय स्मारक || National Monuments of The Great India ( The Great Asoka's India)

एक अफवाह : पक्षी बुखार यानि बर्ड फ्लू Bird Flu in Modern India 2021

लघुकथा : आत्म मूल्यांकन 🤔 self examination 🧐 akppin2 🎭