17 September Periyar Vs Vishwakarma || पेरियार जयंती बनाम विश्वकर्मा जयंती || Vishwakarma Samaj / Science Journey / The Shudra / Desh Aur Duniya / AKP Pin2

संदर्भ १ :-

 The Shudra

पेरियार जयंती की धूम, सामाजिक न्याय दिवस के रूप में मनाई जा रही है 143वीं जयंती


पेरियार को नमन करते तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन। (Photo - MK Stalin)

Periyar E. V. Ramasamy की जयंती आज देश-दुनिया में धूमधाम से मनाई जा रही है। तमिलनाडु में आज पेरियार साहब की जयंती को सामाजिक न्याय दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने पेरियार की मूर्ति पर माल्यार्पण किया। तमिलनाडु में पेरियार जयंती को सामाजिक न्याय के रूप में मनाने का एलान पहले ही कर दिया गया था।

 Periyar E.V. Ramasamy Jayanti ki Badhai

सोशल मीडिया पर पेरियार ही पेरियार 

आज पेरियार के सम्मान में लोग सोशल मीडिया पर भी पेरियार की तस्वीरें और उनके विचारों को शेयर कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर #HBDPeriyar और #SocialJusticeDay जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। 

तमिलनाडु में हुआ था पेरियार का जन्म 

17 सितंबर 1879 को .वीरामासामी नायकर ‘पेरियार’ का जन्म तमिलनाडु के इरोड में हुआ था। पेरियार वैज्ञानिक दृष्टिकोण और अद्भुत तार्किक क्षमता वाले विचारक थे। उन्होंने दलितपिछड़े समुदाय को बराबरी का दर्जा दिलाने के लिए अपना जीवन लगा दिया। पेरियार अकेले ऐसे राजनेता हैं जिन्होंने दक्षिण भारत में ब्राह्मणवाद की जड़े उखाड़ दीं। अंधविश्वासछुआछुत और पाखंडवाद के कट्टर विरोधी पेरियार की ‘सच्ची रामायाण’ ब्राह्मणवाद की बखिया उधेड़ कर रख देती है। 

सच्ची रामायण - ललई सिंह यादव

प्रेरणा का काम करते हैं पेरियार के विचार 

आज भी पेरियार के विचार ना सिर्फ़ बहुजन आंदोलन को ताक़त देते हैं बल्कि ग़ैर-बराबरी के ख़िलाफ़ लड़ने की हिम्मत भी देते हैं। अपने तर्कों से अच्छे-अच्छों को पानी पिला देने वाले पेरियार साहब के विचार उस समय जितने प्रासंगिक थे, उतने ही आज भी हैं। भारत के मूलनिवासियों के आत्मसम्मान की लड़ाई लड़ने वाले पेरियार साहब को आज हर कोई सलाम कर रहा है। द शूद्र, साइंस जर्नी, एकेपी पिंटू और न्यूज़बीक की ओर से हम पेरियार साहब को नमन करते हैं।    

YouTube-Subscribe
Akp Pin2 YouTube Channel Subscribe Kare

https://www.youtube.com/c/AKPPin2

Category - ट्रेंडिंगपेरियारबहुजन इतिहास

संदर्भ २ :-

विश्वकर्मा जयंती :-

कहा जाता है कि प्राचीन काल में जितनी राजधानियां थी, प्राय: सभी विश्वकर्मा की ही बनाई कही जाती हैं। यहा तक कि सतयुग का 'स्वर्ग लोक', त्रेता युग की 'लंका', द्वापर की 'द्वारिका' और कलयुग का 'हस्तिनापुर' आदि विश्वकर्मा द्वारा ही रचित हैं। 'सुदामापुरी' की तत्क्षण रचना के बारे में भी यह कहा जाता है कि उसके निर्माता विश्वकर्मा ही थे। इससे यह आशय लगाया जाता है कि धन-धान्य और सुख-समृद्धि की अभिलाषा रखने वाले पुरुषों को बाबा विश्वकर्मा की पूजा करना आवश्यक और मंगलदायी है।

श्री विश्वकर्मा सृष्टिकर्ता

एक कथा के अनुसार सृष्टि के प्रारंभ में सर्वप्रथम 'नारायण' अर्थात साक्षात विष्णु भगवान जलार्णव (क्षीर सागर) में शेषशय्या पर आविर्भूत हुए। उनके नाभि-कमल से चर्तुमुख ब्रह्मा दृष्टिगोचर हो रहे थे। ब्रह्मा के पुत्र 'धर्म' तथा धर्म के पुत्र 'वास्तुदेव' हुए। कहा जाता है कि धर्म की 'वस्तु' नामक स्त्री (जो दक्ष की कन्याओं में एक थी) से उत्पन्न 'वास्तु' सातवें पुत्र थे, जो शिल्पशास्त्र के आदि प्रवर्तक थे। उन्हीं वास्तुदेव की 'अंगिरसी' नामक पत्नी से विश्वकर्मा उत्पन्न हुए। पिता की भांति विश्वकर्मा भी वास्तुकला के अद्वितीय आचार्य बने।

भगवान विश्वकर्मा के अनेक रूप बताए जाते हैं- दो बाहु, चार बाहु एवं दश बाहु तथा एक मुख, चार मुख एवं पंचमुख। उनके मनु, मय, त्वष्टा, शिल्पी एवं दैवज्ञ नामक पांच पुत्र हैं। यह भी मान्यता है कि ये पांचों वास्तु शिल्प की अलग-अलग विधाओं में पारंगत थे और उन्होंने कई वस्तुओं का आविष्कार किया। इस प्रसंग में मनु को लोहे से, तो मय को लकड़ी, त्वष्टा को कांसे एवं तांबे, शिल्पी ईंट और दैवज्ञ सोने-चांदी से जोड़ा जाता है।

श्री विश्वकर्मा मुर्तिरुप

हमारे देश में विश्वकर्मा जयंती (17 सिंतबर) पूरे धूमधाम से मनाई जाती है। इस दिन देश के विभिन्न राज्यों में, खासकर औद्योगिक क्षेत्रों, फैक्ट्रियों, लोहे की दुकान, वाहन शोरूम, सर्विस सेंटर आदि में पूजा होती है। इस मौके पर मशीनों, औजारों की सफाई एवं रंगरोगन किया जाता है। इस दिन ज्यादातर कल-कारखाने बंद रहते हैं और लोग हर्षोल्लास के साथ भगवान विश्वकर्मा की पूजा करते है। उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, दिल्ली आदि राज्यों में भगवान विश्वकर्मा की भव्य मूर्ति स्थापित की जाती है और उनकी आराधना की जाती है, लेकिन चंडीगढ़ और पंजाब में दीपावली के दूसरे दिन यह पर्व मनाया जाता है। 17 सितंबर को श्रम दिवस के रूप में जाना जाता है। विश्वकर्मा समाज के लोग बाबा विश्वकर्मा पूजा अवश्य करते हैं।


संदर्भ ३ :- साइंस जर्नी

बुद्ध का ब्राह्मणीकरण :-

https://youtu.be/YI8Rm8JjTPg


संदर्भ ४ :- देश और दुनिया

विजेश शर्मा कमेंट

अगर विश्वकर्मा समाज के लोग ब्राह्मण है जो वर्तमान में जनरल वर्ग के अमीर लोग हैं। तो लोहार बढ़ई ठठेरा सुनार मुर्तिकार ओबीसी गरीब वर्ग में क्यों है? बताईए। क्या ब्राह्मण विश्वकर्मा ओबीसी समाज के हक को हजम करना चाहता है। अगर नहीं तो कोई गरीब ब्राह्मण भी ओबीसी विश्वकर्मा समाज के साथ रोटी बेटी का संबंध क्यों नहीं रखता? सवाल बहुत है विश्वकर्मा ओबीसी समाज के साथियों, अपने हक के लिए लड़े, अपने इतिहास को जाने, ब्राह्मणवाद से बचें। इसी ब्राह्मणवाद के चक्कर में स्वयं पांचों विश्वकर्मा समाज आपस में रोटी बेटी का संबंध नहीं रखता। क्योंकि वे स्वयं भेदभाव छुआछूत संस्कृति को ढोते रहें हैं। वैसे ही भारत के हर वर्ग के लोग कई जातियों में बंटे हुए हैं।
बुद्ध सम्यक पंथ के हिंदू गरीब ओबीसी विश्वकर्मा समाज के लोहार बढ़ई, ठठेरा, सुनार और मुर्तिकार तथा अन्य बहुजन समाज के एससी एसटी भी जागरूक होकर इस विडियो को देखें और अपना सही इतिहास को जाने।

पेरियार ई.वी. रामासामी व श्री विश्वकर्मा जी का विडियो देखें:-
https://youtu.be/wtnrHiwMngQ


चंद्रशेखर भट्ट कमेंट
एकेपी पिंटू कमेंट

लोहार बढ़ई जैसे शब्द नीचा कैसे है बताईए ?शर्मा जी। विश्वकर्मा लिखे तो सही है और लोहार बढ़ई ठठेरा सुनार शिल्प पांच पुत्रों का करे तो सही। अगर शर्मा मिश्रा लिखे और वही काम करें तो नीच। ब्राह्मणों के नाम मिट्टी में मिला दिया बढ़ई, नाई, धोबी और मोचियों ने वाह भट्ट जी वाह। इसी भेदभाव के कारण आज ब्राह्मण समाज गाली खा रहा है।  जिधर देखो उधर अपना भेदभाव ऊंच-नीच छुआछूत संस्कृति पूरे भारत में फैला रखें हो। छी आ थू 😂 आपको समाज को जोड़ना चाहिए चंद्रशेखर भट्ट जी, तोड़ना नहीं। आज विश्वकर्मा जयंती पर बधाईयां साब। 💐 जय विश्वकर्मा समाज, जय सतनाम जय हिन्द 🙏


🙏  सभी साथियों को 17 सितंबर पेरियार जयंती, विश्वकर्मा जयंती और श्रम दिवस की ढेरों बधाईयां , #जयबहुजनसमाज #जयहिंद (#जयभारत) #जयभीम #नमोबुद्धाय #जयसंविधान #जयविज्ञान #जयजवान #जयकिसान #जयसम्मान  #जयराजधम्म (#जयराष्ट्रधर्म)💐

एकेपी पिंटू 



टिप्पणियाँ

Popular posts...

🔘001 Bharat Ka Prachin Itihas : Intro || History of Ancient India || AKP Pin2 || भारत का प्राचीन इतिहास : प्रस्तावना

Pachpedi Me Pratibha Samman Karyakram // मस्तुरी क्षेत्र के पचपेड़ी में प्रतिभा सम्मान व कैरियर मार्गदर्शन समारोह हुआ संपन्न // AKP Pin2

Satnami sect : Indian religion : Hindu cast || सतनामी संप्रदाय : भारतीय धर्म : हिंदू जाति

भारत में छत्तीसगढ़ राज्य की रॉक आर्ट और जनजातीय कला || The Rock Art and Tribal Art of Chhattisgarh State in India || AKP Pin2

महान भारत (महान असोक का भारत) के राष्ट्रीय स्मारक || National Monuments of The Great India ( The Great Asoka's India)

एक अफवाह : पक्षी बुखार यानि बर्ड फ्लू Bird Flu in Modern India 2021

लघुकथा : आत्म मूल्यांकन 🤔 self examination 🧐 akppin2 🎭